Saturday, December 29, 2012

भारत की प्रमुख 500 कंपनियों की सूचि में राजस्थान के मारवाड़ से दो

हाल ही में प्रकाशित इकोनोमिक टाइम्स द्वारा जारी भारत की प्रमुख 500 कंपनियों की सूचि में राजस्थान के मारवाड़, मेवाड़, हाड़ोती और शेखावटी क्षेत्र से आये व्यापारी बन्धुओ की कुल कितनी कंपनिया हैं यह कहना आसान तो नहीं हैं लेकिन मारवाड़ से दो कंपनियों के नाम जरुर गिनाये जा सकते हैं जिनमे टेक्सटाइल से नाकोडा और स्टिल उद्योग से वरुण इंडस्ट्री का नाम प्रमुख हैं। पुरे भारत की 500 प्रमुख कंपनियों की सूचि में राजस्थान से करीब 50 कंपनिया होगी तो मारवाड़ से केवल दो नाम का होना शर्म की बात तो हैं पर ऐसा हैं तो क्यों ?
मारवाड़ के व्यापारी बन्धुओ का पब्लिक भागीदारी में विश्वास की कमी के कारण ही 500 की सूचि में सिर्फ दो नाम हैं लेकिन क्या आने वाली पीढ़िया इस बात के लिए हमें माफ़ कर पायेगी आज हम अपने बच्चो को ग्रेजुशन  पढाई लिखाई पूरी करवाकर नौकरी की प्रेरणा दे रहे हैं क्योंकि हमें मालूम हैं की यह पढ़े लिखे युवा पारंपरिक तरीके से तो व्यापर करेंगे नहीं और कोरपोरेट व्यापार के लिए इतनी पूंजी हैं नहीं। आज कोरपोरेट व्यापार के लिए कम से कम सौ करोड़ की पूंजी की आवश्यकता हैं और उतनी पूंजी हमारे मारवाड़ के लोग अपनी पूरी जिन्दगी में नहीं जुटा पाए इसलिए आज व्यापारी खानदान के बच्चो को नौकरी की प्रेरणा दे रहे हैं। अगर समय रहते हमारा विश्वास भागीदारी और इक्विटी पर मजबूत नहीं हुआ तो एक जनरेशन का नौकरी में चले जाने पर अगली तीन चार पीढ़िया भी वापस कभी उद्योग व्यापार में नहीं आ सकती हैं। इक्विटी इवेस्टमेंट में भरोसा ही आने वाली जनरेशन के लिए कोर्पोरेट जगत में स्थान बना सकता हैं । व्यापारी जब तक अपने आप को एक अच्छा इन्वेस्टर नहीं बना सकता हैं तब तक कॉर्पोरेट जगत में अपने आपको कभी भी स्थापित नहीं कर सकते हैं।

Monday, February 6, 2012

पाली जिले में रोहट के पास मांडावास में नए एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव

‘हवा’ में उड़ रहा है जोधपुर हवाई अड्डा !

जोधपुर, शहर में 46 किलोमीटर की परिधि से बाहर नए एयरपोर्ट के लिए वायुसेना एनओसी देने के लिए तैयार है, लेकिन यह मुद्दा फिलहाल तो प्रशासनिक स्तर पर ही सुलझता नहीं दिख रहा। तीन प्रमुख अफसर- संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और जेडीए आयुक्त एयरपोर्ट की जगह को लेकर एकमत नहीं हैं, ऐसे में तीनों के बीच कोई तालमेल नजर नहीं आ रहा। राज्य सरकार को प्रस्ताव पर प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। इन कारणों से सवाल खड़ा हो रहा है कि सूर्यनगरी में नए एयरपोर्ट के लिए गंभीर प्रयास हो भी रहे हैं या नहीं?

मांडावास के लिए भेजा है प्रस्ताव : "पाली जिले में रोहट के पास मांडावास में नए एयरपोर्ट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। पाली रोड पर दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के तहत इंडस्ट्रियल रीजन प्रस्तावित है। इसलिए जोधपुर व पाली के बीच ही हवाई अड्डा स्थापित करना उचित रहेगा। राज्य सरकार ने भी रोहट के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए डीएमआईसी फंड देने के लिए भी तैयार है। इसके अलावा अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है।" रमेश कुमार जैन, संभागीय आयुक्त

संभागीय आयुक्त का प्रस्ताव उचित नहीं : "संभागीय आयुक्त के प्रस्ताव को यदि माना जाता है तो नया एयरपोर्ट शहर से 70 किलोमीटर दूर स्थापित होगा, जहां पहुंचने में ही एक घंटा लगेगा। इतनी देर में तो दिल्ली पहुंचा जा सकता है। इससे लोगों को परेशानी होगी। पुराने एयरपोर्ट के विस्तार का प्रस्ताव एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मान लिया है। इसके लिए नगर निगम से 265 बीघा जमीन मांगी गई है। वहीं नागौर रोड पर भी नया एयरपोर्ट स्थापित किया जा सकता है।" सिद्धार्थ महाजन, कलेक्टर

नागौर रोड ही उचित जगह : "नागौर रोड एजुकेशन हब के रूप में उभर रही है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के अलावा आईआईटी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी), फुटवियर डिजाइन एंड डवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआई), साइंस पार्क आदि इस रोड पर ही स्थापित होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए नागौर रोड पर भूमि तलाश रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में 46 किलोमीटर का दायरा भी पूर्ण नहीं होगा।" रतन लाहोटी, जेडीए आयुक्त

Friday, February 3, 2012

जोधपुर एयरपोर्ट के लिए पाली मार्ग पर नई जगह तलास की मांग

जोधपुर एयरपोर्ट के लिए पाली मार्ग पर नई जगह तलास की मांग मारवाड़ जैन संघ मुंबई प्रमुख भरत सोलंकी ने केंद्र सरकार से की हैं| संघ का मानना हैं की पाली एक बहुत बड़ी औद्योगिक नगरी हैं एवं मुंबई से पाली कई व्यापारी बंधुओ का हवाई यात्रा द्वारा अकसर आना जाना रहता हैं और अगर जोधपुर एयरपोर्ट पाली मार्ग पर बनता हैं तो पाली और जोधपुर दोनों शहरों के व्यापारी बंधुओ के लिए यह सुविधाजनक होगा|
जोधपुर एयरफोर्स के नागौर रोड पर मेलावास गांगाणी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए एनओसी नहीं देने पर अब जोधपुर विकास प्राधिकरण ने संभावित नई जगह की तलाश तेज कर दी है। जेडीए आयुक्त ने उपायुक्तों को 46 किलोमीटर के बाद की दूरी पर एयरपोर्ट के लिए सरकारी जमीन तलाशने की मुहिम में लगाया है। एयरपोर्ट के लिए शहर के चारों तरफ जमीन की तेजी से तलाश की जा रही है, ताकि नए सिरे से एयरफोर्स के समक्ष एनओसी के लिए आवेदन किया जा सके। हालांकि जोधपुर कलेक्टर का मानना है कि इतनी दूरी पर एयरपोर्ट बनाने के बजाय पुणो की तर्ज पर सिविल एयरपोर्ट के विस्तार पर विचार किया जा सकता है।

एयरफोर्स ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में बताया कि प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कंट्रोल जोन की परिधि 46 किमी है, जो कि जोधपुर एयरफील्ड को कवर करती है। एयरफील्ड पर ऑपरेशनल गतिविधियों और लड़ाकू विमानों के संचालन की ट्रेंनिग की वजह से यह हवाई एरिया प्रतिबंधित है। प्रस्तावित एयरपोर्ट के नजदीक ही आर्मी का रन-वे भी है। इस वजह से वहां एनओसी नहीं दी जा सकती। मुख्य सचिव ने यह पत्र जेडीए आयुक्त को भेज अन्यत्र जमीन तलाश करने को कहा है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक सुरेश बोरकर ने बताया कि शहर के बीच होने की वजह से सिविल एयरपोर्ट का विस्तार होना चाहिए, लेकिन अथॉरिटी को शहर से पचास किमी दूरी पर भी नया एयरपोर्ट बनाने पर कोई ऐतराज नहीं है। जल्द ही एक जमीन चिह्न्ति कर एयरपोर्ट अथॉरिटी टीम को बुलाकर दिखाई जाएगी। उसके बाद एयरफोर्स के समक्ष नए सिरे से एनओसी के लिए आवेदन किया जाएगा। यह भी तय नहीं है कि नई जगह के लिए एयरफोर्स एनओसी दे ही दे, इसलिए दूसरे विकल्प के बारे में विचार करने की जरूरत है। हालांकि कोई रास्ता निकालने के लिए एयरफोर्स, जेडीए, नगर निगम और एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों की जल्द बैठक की जाएगी।

सिद्धार्थ महाजन, कलेक्टर, जोधपुर के अनुसार नया एयरपोर्ट शहर से इतनी दूरी पर बनाया जाना आमजन व पर्यटकों के लिए काफी दुविधाजनक रहेगा। नागौर रोड पर प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए एनओसी नहीं मिली है, इसलिए वर्तमान सिविल एयरपोर्ट का विस्तार कर उसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट में तब्दील करना चाहिए।

जोधपुर एयरपोर्ट अगर पाली मार्ग पर बनता हैं तो जालोर, फालना एवं रानी के साथ पाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं अतः इस विशेष विषय पर अधिक से अधिक लोगो को जोड़कर सरकार का ध्यान आकर्षित करे |