देश की प्रगति में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका
पानी किसी भी प्रदेश, शहर अथवा गांव के विकास के लिए मुलभुत आवश्यकता हैं ! मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बंगलूरु अथवा कोई भी शहर को पानी मिलना अगर बंद हो जाए तो शहर में रहने वाले लोगो का शहर में रहना मुश्किल हो जाता हैं, ठीक वैसे ही गाँवो के विकास और खेती के लिए आवश्यक पानी का होना जरुरी हैं! पानी कुदरत की ओर से तो शहरों और गाँवो को समान रूप से मिलता हैं, पर शहर के लोगो को पेयजल की आपूर्ति के लिए शहरों के नजदीक जल संग्रह करने हेतु झीलों का निर्माण किया जाता हैं! पानी किसी भी शहर की लाइफ लाइन हैं वैसे ही गाँवो में खेती का उत्पादन पुरे प्रदेश अथवा देश की भुखमरी को मिटाने का एक मात्र जरिया हैं! आज देश की हजारो नदियों का लाखो करोडो गेलन पानी, जिसका समुचित संग्रह वितरण व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यर्थ में ही बरबाद हो जाता हैं! अगर इस पुरे पानी की समुचित संग्रह वितरण व्यवस्था की जाए तो भारत पूरी दुनिया को खाध्य आपूर्ति करने सक्षम साबित हो सकता हैं ! अब तक हम बांध झीलों एवं नहरों के निर्माण के लिए सरकार पर निर्भर रहे पर सरकार की भी अपनी सीमाए होने के कारण जितना निर्माण होना चाहिये था उतना नहीं हो पाया पर अब सिर्फ सरकार के भरोसे बैठ कर काम चलने वाला नहीं हैं और इस तरह तो और भी सेकडो साल निकल जायेंगे!
महाराष्ट्र देश में सहकारिता का उदाहरण हैं अगर सहकारिता के माध्यम से इस काम को पुरे देश में अंजाम दिया जाए तो अगले पांच साल में देश का पूरा नक्षा ही बदल सकता हैं| पूंजी निवेश के लिए मलटीनेशनल एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ भागीदारी के माध्यम से देश भर में बांधो एवं झीलों का निर्माण और जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए तो वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आये! सरकार को चाहिये की वह इस कार्य हेतु योजनाये बनाये और मलटीनेशनल एवं निजी क्षेत्र की देशी कंपनियों को बांध एवं झीलों के निर्माण कार्य के आमंत्रित करे!
महाराष्ट्र देश में सहकारिता का उदाहरण हैं अगर सहकारिता के माध्यम से इस काम को पुरे देश में अंजाम दिया जाए तो अगले पांच साल में देश का पूरा नक्षा ही बदल सकता हैं| पूंजी निवेश के लिए मलटीनेशनल एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ भागीदारी के माध्यम से देश भर में बांधो एवं झीलों का निर्माण और जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए तो वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आये! सरकार को चाहिये की वह इस कार्य हेतु योजनाये बनाये और मलटीनेशनल एवं निजी क्षेत्र की देशी कंपनियों को बांध एवं झीलों के निर्माण कार्य के आमंत्रित करे!
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