लोकप्रिय समाजसेवी मीठालाल बोराणा का निधन
पाली-मारवाड़,६ अप्रेल । व्यापार व्यवसाय से निवृति लेकर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से निरंतर समाजसेवा में लीन मारवाड़ के लोकप्रिय समाजसेवी श्री मीठालाल बोराणा का ७८ वर्ष की उम्र में अपनी जन्म भूमि बागोल में आज अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । श्री बोराणा पिछले कई सालो से जैनियों के पवित्र स्थल पालिताना, मारवाड़ के सोमेसर और मुंबई की मुलुंड सहित कई सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओ से जुड़े रहते हुए पुरे समाज को सेवा दे रहे थे। अपनी जन्मभूमि के प्रति अपने प्रेम और लगाव के रहते मारवाड़ और उसके विकाश के लिए हमेशा तत्पर रहते थे | अंतिम पांच दिनों से बागोल में आयोजित सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम में ही भाग लेकर मुंबई लौटने ही वाले थे की शनिवार की दोपहर अचानक दिल का दौरा पड़ा और अपने प्राण त्याग दिए।
श्री मीठालाल बोराणा राजस्थान जैन संघ मुलुंड मुंबई, पालिताना जैन तीर्थ एवं बागोल जैन संघ सहित मारवाड़ की कई संस्थाओ के प्रमुख पदों पर रहते हुए अपनी सेवा दे रहे थे उनके निधन से सिर्फ उनके परिवार को ही नहीं बल्कि पुरे समाज को बहुत बड़ी हानि हुई वे अपने पीछे पुत्र पौत्र सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए । उन्होंने अपने जीवन को समाज के लिए अपनी सेवा के लिए खुद को हमेशा समर्पित रखा।
पाली-मारवाड़,६ अप्रेल । व्यापार व्यवसाय से निवृति लेकर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से निरंतर समाजसेवा में लीन मारवाड़ के लोकप्रिय समाजसेवी श्री मीठालाल बोराणा का ७८ वर्ष की उम्र में अपनी जन्म भूमि बागोल में आज अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । श्री बोराणा पिछले कई सालो से जैनियों के पवित्र स्थल पालिताना, मारवाड़ के सोमेसर और मुंबई की मुलुंड सहित कई सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओ से जुड़े रहते हुए पुरे समाज को सेवा दे रहे थे। अपनी जन्मभूमि के प्रति अपने प्रेम और लगाव के रहते मारवाड़ और उसके विकाश के लिए हमेशा तत्पर रहते थे | अंतिम पांच दिनों से बागोल में आयोजित सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम में ही भाग लेकर मुंबई लौटने ही वाले थे की शनिवार की दोपहर अचानक दिल का दौरा पड़ा और अपने प्राण त्याग दिए।
श्री मीठालाल बोराणा राजस्थान जैन संघ मुलुंड मुंबई, पालिताना जैन तीर्थ एवं बागोल जैन संघ सहित मारवाड़ की कई संस्थाओ के प्रमुख पदों पर रहते हुए अपनी सेवा दे रहे थे उनके निधन से सिर्फ उनके परिवार को ही नहीं बल्कि पुरे समाज को बहुत बड़ी हानि हुई वे अपने पीछे पुत्र पौत्र सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए । उन्होंने अपने जीवन को समाज के लिए अपनी सेवा के लिए खुद को हमेशा समर्पित रखा।